करई संकुल में शिक्षक अरविंद सडैया का दबदबा,स्कूल के व्हाट्स ऐप ग्रुप पर विधायक से हुई बातचीत की कॉल डिटेल की शेयर
लगभग 18 वर्षों से इसी संकुल पर है पदस्थ
करैरा :- करैरा अनुविभाग के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करई संकुल में शिक्षक अरविंद सडैया का दबदबा चर्चा का विषय बना हुआ है। करीब 18 वर्षों से इस संकुल में जमे अरविंद सडैया, जो पूर्व में प्राचार्य और संकुल प्रभारी भी रह चुके हैं, ने हाल ही में संकुल के व्हाट्सएप ग्रुप में अपनी फोन कॉल डिटेल साझा की, जिसमें करैरा विधायक रमेश खटीक से शाम 7:36 बजे हुई बातचीत का जिक्र था। सडैया ने लिखा, “माननीय का कॉल आया था,” जिसके जवाब में मिडिल स्कूल के हेडमास्टर पंकज कुमार शर्मा ने पूछा, “क्या सलाह मांग रहे हैं?” सडैया ने जवाब दिया, “अतिथि की जॉइनिंग।” इसके बाद पंकज ने मजाक में लिखा, “जुगाड़ करवा दो, हमें आप पर गर्व है, MLA भी आपसे उम्मीद लगाए हैं।” सडैया ने जवाब में प्रिंसिपल का मजा लेने और अतिरिक्त भत्ता मांगने की बात कही, जिस पर वर्तमान संकुल प्रभारी ओम प्रकाश शर्मा ने कहा, “मैं तो आपके लिए प्राचार्य का पद देने को तैयार हूं, मेरा इस पद से मोह खत्म हो गया है।” इस बातचीत से सडैया की संकुल में प्रभावशाली स्थिति स्पष्ट होती है।
बॉक्स: स्थानांतरण आदेशों की अनदेखी, सडैया की ताजपोशी
लगभग डेढ़ वर्ष पहले अरविंद सडैया का स्थानांतरण श्योपुर जिले में हुआ था, जहां के लिए वे रिलीव भी हुए, लेकिन उन्होंने वहां जॉइनिंग नहीं की। और डेढ़ वर्षो तक कही नौकरी नहीं की। उन दिनों का अवकाश भी स्वीकृत करवा लिया, डेढ़ वर्ष सर्विस ब्रेक होने से डेढ़ वर्ष जूनियर हो गए।नियमों को ताक पर रखकर उन्होंने प्रमोशन हासिल किया और पुनः करई संकुल में वापसी की। स्थानीय शिक्षकों का आरोप है कि सडैया के दबाव के चलते वरिष्ठ शिक्षक रमेश जाटव को संकुल प्रभारी का पद पर काम नही करने दिया, शिकायते करवाई जिससे उन्होंने लिखित में आवेदन देकर प्रभार छोड़ना पड़ा। उसके बाद सीनियर के क्रम में शिखा शर्मा को प्रभारी बनाया गया, लेकिन वे भी सडैया के इशारे पर काम करने को तैयार नहीं थीं, जिसके बाद उन्होने भी संकुल प्राचार्य का पद छोड़ दिया। तभी से वर्तमान प्रभारी माध्यमिक शिक्षक ओम प्रकाश शर्मा भी सडैया के प्रभाव में कार्य करते हैं। जबकि उच्च माध्यमिक शिक्षक आधा दर्जन होने के बावजूद कोई प्रभार लेने को तैयार नहीं, क्योंकि उक्त शिक्षक स्थानीय लोगो से मिलकर शिकायते करवा कर काम नही करने देता है। शिक्षकों का कहना है कि कोई भी आदेश तब तक नहीं निकलता, जब तक सडैया की सहमति न हो। यह स्थिति मुख्यमंत्री मोहन यादव के उस आदेश की अवहेलना करती है, जिसमें लंबे समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ कर्मचारियों के स्थानांतरण की बात कही गई है। शिक्षा विभाग में सर्जरी की मांग के बावजूद सडैया का दबदबा कायम है, जो प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। करही विद्यालय में कोई शिक्षक पढ़ाता नही मिलेगा, सभी के अलग अलग चेंबर बने हुए है, उसी मैं बैठकर पढ़ाई की इति श्री कर लेते हैं पत्रकार राजेन्द्र गुप्ता मो नं8435495303