करैरा,माइनिंग की लापरवाही और प्रशासन की चुप्पी से सलैया में शिव शक्ति स्टोन क्रेशर से ग्रामीणों का जीवन खतरे में
सलैया क्रेशर पर ब्लास्टिंग की लापरवाही से मकानों पर गिरते पत्थर, घायल होते लोग
करैरा:- करैरा अनुविभाग के अमोला थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सलैया में स्थित शिव शक्ति स्टोन क्रेशर की लापरवाही ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। क्रेशर पर की जाने वाली ब्लास्टिंग में अत्यधिक बारूद का उपयोग किया जाता है, जिसके कारण पत्थर दूर-दूर तक उछलकर गिरते हैं। ये पत्थर कई बार ग्रामीणों के मकानों पर जाकर गिरते हैं, जिससे छतों में छेद हो जाते हैं और मकान क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। पिछले महीने एक ऐसी ही घटना में एक मकान की छत पर बड़ा छेद हो गया, जिसमें एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि ब्लास्टिंग के दौरान पत्थर हाईवे तक पहुंच जाते हैं, जो किसी बड़ी सड़क दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि एक बार घटना में क्रेशर संचालक के डंपर पर भी पत्थर गिरे, जिससे डंपर क्षतिग्रस्त हो गया। सलैया के निवासी आनंद शर्मा ने बताया कि एक बार उनकी बहन किचन में काम करते समय ब्लास्टिंग के कारण हुए हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बची। ग्रामीणों का आरोप है कि क्रेशर कर्मचारी बिना किसी सुरक्षा मानकों के ब्लास्टिंग करते हैं, जिससे आसपास के दर्जनों मकान हर महीने क्षति का शिकार हो रहे हैं। इस लापरवाही ने न केवल ग्रामीणों घर एवं प्रतिष्ठान को नुकसान पहुंच रहा है एवं जीवन में खतरे में चल रहा है ।कब रात्री में कोई अनहोनी न हो जाये ।
प्रशासन पर ग्रामीणों ने लगाये लापरवाही के आरोप, घायल होने के वावजूद थाने में नहीं होती एफ आई आर
शिव शक्ति स्टोन क्रेशर की लापरवाही के खिलाफ ग्रामीण कई बार अमोला थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। ग्रामीणों का कहना है कि थाने में उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया जाता और उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि क्रेशर संचालक मुआवजा दे देंगे। सलैया निवासी राजकुमार रजक ने बताया कि एक बार रात में अंधाधुंध ब्लास्टिंग के कारण उनकी मां घायल हो गई थीं, लेकिन थाने में शिकायत दर्ज करने के बावजूद कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत के कारण क्रेशर संचालक के हौसले बुलंद हैं। हर महीने होने वाली घटनाओं के बावजूद न तो क्रेशर के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जाती है और न ही ब्लास्टिंग पर कोई नियंत्रण लगाया जाता।
क्रेशर पर रात में होती अंधाधुंध ब्लास्टिंग ,सुरक्षा मानकों का करते है उल्लंघन
शिव शक्ति स्टोन क्रेशर पर रात के 12 बजे तक ब्लास्टिंग का सिलसिला जारी रहता है, जो सुरक्षा मानकों की खुलेआम अनदेखी को दर्शाता है। रात के समय ब्लास्टिंग के कारण ग्रामीणों का रात में चैन से सोना भी मुश्किल हो गया है। तीव्र धमाकों की आवाज और पत्थरों के गिरने का डर ग्रामीणों को हर पल सताता रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि रात में ब्लास्टिंग के दौरान कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती, जिसके कारण हादसों का खतरा और बढ़ जाता है। एक घटना में रात के समय हुई ब्लास्टिंग के कारण एक मकान की छत पर पत्थर गिरा, जिससे पूरा परिवार दहशत में आ गया। माइनिंग नियमों के अनुसार, ब्लास्टिंग के लिए समय और सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य है, लेकिन सलैया में इन नियमों का कोई पालन नहीं हो रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि क्रेशर संचालक केवल मुनाफे के लिए नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, और प्रशासन इसकी अनुमति दे रहा है। इस अनियंत्रित माइनिंग ने ग्रामीणों के जीवन को नरक बना दिया है, और वे हर दिन किसी बड़े हादसे की आशंका में जी रहे हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन की लापरवाही से कभी भी हो सकती है बड़ी अनहोनी
सलैया के ग्रामीणों में शिव शक्ति स्टोन क्रेशर और प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि अगर यही स्थिति रही, तो किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिसमें कई लोगों की जान जा सकती है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही इस मामले में कार्रवाई नहीं की, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीण आनंद शर्मा ने कहा, “हम हर दिन डर के साए में जी रहे हैं। क्रेशर की ब्लास्टिंग किसी भी दिन हमारी जान ले सकती है।” ग्रामीणों का कहना है कि क्रेशर के आसपास रहने वाले लोग न केवल अपने घर एवं प्रतिष्ठान खो रहे हैं, बल्कि उनकी जिंदगी भी खतरे में है। कई परिवारों ने अपने मकानों को छोड़कर दूसरी जगह जाने की योजना बनानी शुरू कर दी है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण यह उनके लिए आसान नहीं है। ग्रामीणों की मांग है कि क्रेशर की ब्लास्टिंग पर तत्काल रोक लगाई जाए और क्रेशर संचालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए और प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। शिव शक्ति स्टोन क्रेशर की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता ने सलैया के ग्रामीणों के जीवन को खतरे में डाल दिया है। अनियंत्रित ब्लास्टिंग, मकानों का क्षतिग्रस्त होना, और लोगों का घायल होना इस बात का प्रमाण है कि माइनिंग नियमों का पालन नहीं हो रहा है। ग्रामीणों की शिकायतों पर कार्रवाई न होना प्रशासन की नाकामी को उजागर करता है। यह जरूरी है कि जिला प्रशासन और पुलिस इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करे, क्रेशर की गतिविधियों पर अंकुश लगाए, और प्रभावित ग्रामीणों को न्याय दिलाए। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो सलैया में कोई बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों की आवाज को अनसुना करना न केवल अन्याय है, बल्कि उनके जीवन के साथ खिलवाड़ भी है।
इनका कहना है ।
अगर क्रेशर में कमिया पाई जाती है तो नियम अनुसार कार्रवाई करेंगे ।
सोनू श्रीवास माइनिंग इंस्पेक्टर शिवपुरी
पत्रकार राजेन्द्र गुप्ता मो नं 8435495303