तत्कालीन उप पंजीयक बरेलिया पर लगाये मिलीभगत के आरोप
करैरा:- करैरा तहसील के कुछ पटवारियों द्वारा खसरा दस्तावेजों के कॉलम नंबर 12 में बिना किसी वैध आदेश के व्यवसायिक और आवादी क्षेत्र दर्ज करने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। इस अनियमितता ने रजिस्ट्री कराने वाले नागरिकों के लिए कई समस्याएं खड़ी कर दी हैं। करैरा के वरिष्ठ एडवोकेट महेंद्र बघेल ने इस मुद्दे को उठाते हुए करैरा एसडीएम अजय शर्मा को एक विस्तृत शिकायत पत्र सौंपा है, जिसमें तत्काल जांच और सुधारात्मक कार्रवाई की मांग की गई है। शिकायत के अनुसार, करैरा नगर परिषद, दिनारा और कुछ ग्राम पंचायतों के खसरा रिकॉर्ड में पूरे रकबे को व्यवसायिक और आवादी क्षेत्र के रूप में गलत तरीके से दर्ज किया गया है। इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में अड़चनें आ रही हैं और लोगों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एडवोकेट बघेल ने शिकायत में इसके अतिरिक्त, पूर्व रजिस्ट्रार सुरेंद्र बरेलिया द्वारा संपदा-2 पर हाईवे और अन्य सड़कों के पॉलीगॉन नक्शे में सड़क की निर्धारित सीमा से 400-500 फीट अंदर तक गलत चिह्नांकन किया गया है। यह गलती रजिस्ट्री की लागत को प्रभावित कर रही है, क्योंकि सड़क किनारे की जमीन और अंदर की जमीन की रजिस्ट्री लागत समान हो रही है। सामान्यतः सड़क किनारे व्यवसायिक दरें और अंदर आवासीय दरें लागू होनी चाहिए, जिससे अंदर की जमीन की रजिस्ट्री पर कम शुल्क लगे। इस अनियमितता से रजिस्ट्री कराने वालों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
एडवोकेट बघेल ने अपने पत्र में मांग की है कि खसरा रिकॉर्ड में बिना आदेश दर्ज किए गए व्यवसायिक और आवादी क्षेत्र के इंद्राज को तुरंत हटाया जाए। साथ ही, गलत पॉलीगॉन को सुधारकर सड़क की निर्धारित सीमा तक सीमित किया जाए। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पटवारियों की जांच कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बघेल ने कहा कि यह प्रशासन की यह अनियमितता आम जनता के हितों के साथ खिलवाड़ करने के समान है।
बॉक्स :- एसडीएम अजय शर्मा ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए त्वरित जांच के आदेश देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि यदि शिकायत में उठाए गए बिंदु सही पाए गए, तो दोषी पटवारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और गलत रिकॉर्ड को सुधारा जाएगा।
इनका कहना है ।
पॉलीगॉन गाइडलाइन के अनुसार सभी पॉलीगॉन सही बनाए गए हैं, हालांकि इनमें कुछ मामूली या तकनीकी त्रुटियाँ अवश्य हैं, जो लगभग सभी स्थानों पर पाई जाती हैं। मुझे जानकारी प्राप्त हुई है कि अब पैसों के लेन-देन के माध्यम से पॉलीगॉन में सुधार किया जा रहा है। यह पॉलीगॉन लगभग दो वर्ष पूर्व बनाए गए थे, और तब से लेकर अब तक सुधार के लिए केवल एक आवेदन प्राप्त हुआ है।
श्योपुरा के सर्वे नंबर 96 में सुधार के लिए मुझ पर दबाव बनाया गया था, जबकि यह भूमि पूरी तरह से हाईवे पर स्थित है और इसका पूर्व में पंजीकृत दस्तावेज भी उपलब्ध है। इस भूमि को कम दिखाने के उद्देश्य से महेंद्र बघेल को मोहरा बनाकर राजस्व चोरी की योजना बनाई जा रही है, और इसके लिए पहले से ही गलत तथ्यों के आधार पर माहौल तैयार किया गया है, जिससे सही को गलत और गलत को सही साबित किया जा रहा है।
सुरेंद्र बरेलिया तत्कालीन उप पंजीयक करैरा
उप संपादक राजेन्द्र गुप्ता मो नं 8435495303