दिनारा उपार्जन केंद्र बंद, किसान बेहाल – प्रशासन की लापरवाही से सरकार की योजनाएं बनी मजाक।


एसडीएम अजय शर्मा का गैर ज़िम्मेदाराना बयान किसानो से कहा आप अपने पल्लेदार लगा लो 

दिनारा :- प्रदेश में किसानों के हितैषी होने का दावा करने वाली सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दिनारा का प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित द्वारा संचालित गेहूं उपार्जन केंद्र पूरी तरह से बंद पड़ा है। न तुलाई हो रही है, न किसानों की सुनवाई। पल्लेदारों की कमी और कम पारिश्रमिक का बहाना बनाकर किसानों के साथ खुला धोखा किया जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब प्रशासन को पहले से मालूम था कि तुलाई के लिए पल्लेदार नहीं मिलेंगे, तो उपार्जन केंद्र खोलने का ढोंग क्यों रचा गया? क्या यह किसानों की आंखों में धूल झोंकने और आंकड़ों का खेल खेलने की कोशिश नहीं है? किसानों को पंजीयन कराकर झूठे सपने दिखाए गए और अब उन्हें दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया गया है।

मुख्यमंत्री के निर्देश किसानों का एक एक दाना खरीदा जाये लेकिन यहाँ खरीदी केंद्र पर लटका ताला 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साफ निर्देश दिए थे कि एक-एक दाना खरीदा जाए और किसानों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने किसानों के हित में पंजीयन तिथि भी 9 अप्रैल तक बढ़ाई, ताकि सभी पात्र किसान योजना का लाभ उठा सकें। लेकिन करैरा के जिम्मेदार अधिकारी मुख्यमंत्री की मंशा को पलीता लगाने में जुटे हैं। जमीनी सच्चाई यह है कि दिनारा उपार्जन केंद्र का एक भी दिन सुचारू रूप से संचालन नहीं हो सका। किसान अपनी उपज लेकर दूसरे उपार्जन केंद्रों पर भागने को मजबूर हैं, जहां घंटों लाइन में लगने के बाद भी तुलाई नहीं हो पा रही है। इससे न केवल समय और श्रम की बर्बादी हो रही है, बल्कि किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। जिन केंद्रों पर किसानों का दबाव बढ़ रहा है, वहां अव्यवस्था और मारामारी की स्थिति बन रही है।


एसडीएम अजय शर्मा ने किसानों को दिया गैर ज़िम्मेदाराना बयान कहा अपने पल्लेदार खुद ले आओ 

जब किसानों ने करैरा एसडीएम अजय शर्मा को फोन कर उपार्जन केंद्र की अव्यवस्था की शिकायत की, तो उन्होंने बेहद गैरजिम्मेदाराना और असंवेदनशील उत्तर देते हुए कहा – “अपने पल्लेदार खुद लगाओ।” प्रशासन के इस रवैये से किसानों में जबरदस्त आक्रोश है। किसानों का कहना है कि अगर प्रशासन का यही रवैया रहा, तो उन्हें अपने हक के लिए बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा। किसानों का आरोप है कि कुछ अधिकारियों की निष्क्रियता और लापरवाही के चलते सरकार की किसान हितैषी योजनाओं का मजाक उड़ रहा है। अगर यही हाल रहा तो इसका सीधा असर सरकार की साख और आगामी चुनावों में वोटबैंक पर पड़ेगा।

किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो दिनारा से लेकर करैरा तक जोरदार आंदोलन होगा। किसान अब चुप नहीं बैठेंगे। वे अपने हक के लिए सड़क पर उतरने को तैयार हैं।

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समाज सेवी रितुराज यादव ने जिला प्रशासन से तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
 • दिनारा उपार्जन केंद्र को तत्काल प्रारंभ किया जाए।
 • पल्लेदारों की पर्याप्त संख्या में समुचित व्यवस्था की जाए।
 • उपार्जन कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।


इनका क्या कहना है ।

(1) में दिव्यांग हूँ फिर भी मशक्कत से दिनारा उपार्जन केंद्र पर गया उपार्जन केंद्र दिनारा पर तुलाई नहीं हो रही थी, फिर मजबूरी में कुछ गेहूं व्यापारी को बेचे, कुछ अभी घर पर रखे हैं डालना हैं।
शिशुपाल यादव, दिव्यांग कृषक 

(2) उपार्जन केंद्र दिनारा पर तुलाई नहीं हो रही थी, इसलिए मजबूरन खुदावली केंद्र पर गेंहू डालना पड़ा।
सूरज यादव कृषक
पत्रकार राजेन्द्र गुप्ता मो नं,8435495303