धान की बंपर आवक, बिचैलियों और व्यापारियों के बीच सांठ-गांठ
धान का आॅक्सन नहीं किसानों की घेराबंदी कर रहे है बिचैलियें
डबरा। मध्यप्रदेश सरकार चाहे लाख प्रयास करें लेकिन कृषि उपज मंडी डबरा से कच्ची आडत बंद नहीं करा सकते हालांकि कलेक्टर ग्वालियर अनुराग चैधरी के निर्देंशन में एसडीएम राघवेन्द्र पाण्डे के नेतृत्व में बुधवार को तहसीलदार नवनीत शर्मा और उनकी टीम सुबह से ही कृषि उपज मण्डी में पंहुच गई थी कि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पडे लेकिन सूत्रो की बात करें तो देखने में आया है कि किसानों की उपज व्यापारी आॅक्सन से नहीं बल्कि सैंपल देखकर खरीद रहे है यहां तक कि बिचैलिए किसानो को पकड-पकड कर ले जा रहे थे ऐसा बुधवार के दिन अल सुबह देखा गया है कई किसानों से बातचीत भी हुई तो उन्होने बताया ''कि साहब हमाई मजबूरी है हमें जल्दी धान बेचने, हम का करें, जई चक्कर से जे हमें आडतियान तक ले जा रहे है जो हमई धान बिकवांगे।''
बंफर धान की आवक से सडकों पर थमें ट्रैक्टर-ट्रालियों के पहिए....
बुधवार को कृषि उपज मण्डी में एकदम धान की ट्रालियों की बंफर आवक हुई हालात इतने गंभीर बन गए कि कृषि उपज मण्डी में ट्रैक्टर ट्रालियों के लिए जगह नहीं बची और कृषि उपज मण्डी गेट पर कई ट्राली आपस में फंस गई यहां तक कि विद्युत वितरण कंपनी भितरवार रोड कार्यालय से भी आगे और कृषि उपज मण्डी से रेल्वे ओवर ब्रिज के ऊपर तक ट्रैक्टर ट्रालियों की लाइन कतारबद्ध तरीके से लग गई।
कच्ची पर्चियां हुई वायरल सोशल मीडिया पर........
सूत्रो की अगर मानें तो कृषि उपज मण्डी में किसानों को जो भाव उचित मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है व्यापारियों को नीलामी से किसानों की उपज खरीदना चाहिए लेकिन दलालों की सांठ-गांठ इस कदर कृषि उपज मण्डी में हावी है कि सीधे-साधे किसान को झांसे में लेकर तौलियां में सैंपल लेकर दलाल आडतियों तक ले जाते है आखिर आडत है क्या..? व्यापारी सीधे माल क्यों नहीं खरीद रहे.....? यह हम नहीं कह रहे बल्कि सोशल मीडिया पर डली कच्ची पर्चियां इस बात के साक्ष्य इंगित करते है कि कहीं न कहीं किसानों का शोषण कृषि उपज मण्डी में हो रहा है हालांकि राजधानी मीडिया उन कच्ची पर्चियों को वायरल पर्ची मान रहा है लेकिन सच जो भी हो किसानो का शोषण तो है।
अव्यवस्थाओ का आलम कृषि उपज मण्डी के अंदर......
कृषि उपज मण्डी के अंदर काफी तादाद में स्टाॅफ है निरीक्षको, उपनिरीक्षकों, एएसआई और कई आरक्षकों की तैनाती कृषि उपज मण्डी में है लेकिन यह स्टाॅफ कहां काम कर रहा है, कहां नहीं, जिसके चलते अव्यवस्थाओ का आलम कृषि उपज मण्डी के अंदर बढता जा रहा है कहां आॅक्सन होना चाहिए, कहां नहीं, यह व्यवस्थाएं कृषि उपज मण्डी की है जिस पर किसी का ध्यान नहीं है अगर कृषि उपज मण्डी का स्टाॅफ हर व्यवस्थाओ पर ध्यान रखे तो अव्यवस्थाएं फैले ही नहीं।
इनका कहना........
प्रशासन द्वारा मानिटरिंग की जा रही है किसानो को किसी प्रकार का सामना न करना पडे प्रतिदिन इस पर निगरानी की जाएगी।
नवनीत शर्मा तहसीलदार डबरा